लोकमाता देवी अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी समारोह आयोजित किया गया

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लोकमाता देवी अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी समारोह आयोजित किया गया

रतलाम- (Ratlam) जिला योजना अधिकारी एवं अग्रणी बैंक कार्यालय सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी समारोह 8 मई को न्यू कलेक्टर कार्यालय सभागृह में आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था में देवी अहिल्याबाई के योगदान के अंतर्गत वर्तमान शहर के अर्थव्यवस्था सुधार और व्यापार प्रोत्साहन में योगदान तथा इसमें स्थानीय व्यापारियों, बैंकर्स का सहयोग, कर प्रणाली और व्यापार प्रोत्साहन विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।

प्रोफेसर अर्थशास्त्री डॉक्टर वी. शास्त्री ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई द्वारा उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था एवं व्यापार प्रोत्साहन में उनके योगदान पर बताया गया। उनके पूरे शासन काल में एक भी युद्ध नहीं हुआ तथा उनकी न्याय प्रणाली, कर्तव्य परायण, धर्म परायण एवं कार्य कुशलता बहुत उत्तम थी। उन्होंने वर्तमान कर प्रणाली में सुधार के भी अनेक सुझाव प्रस्तुत किये। श्री रत्नेश सेठिया द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर बेरोजगारी दूर करने पर विस्तृत चर्चा की।

सीए मयंक सोलंकी द्वारा वर्तमान कर प्रणाली, वित्तीय प्रणाली, निवेश प्रणाली, भ्रष्टाचार, व्यय प्राथमिकता, धार्मिक कार्य, जनहित के लिए कार्य, सैन्य प्रणाली एवं कल्याणकारी योजनाओं के बारे में सुझाव दिए।

जिला योजना अधिकारी बी.के. पाटीदार ने बताया कि वर्तमान न्याय प्रणाली को सरल बनाया जाना चाहिए तथा किसी भी कार्य की सफलता आपकी मूल भावना एवं नियत पर निर्भर है। सफलता हेतु आत्मनिर्भर बनना एवं उपलब्ध संसाधनो का अहम रोल होता है। आरसेटी निदेशक दिलीप सेठिया ने सुझाव दिया कि युवाओं को सफल होने के लिए जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं तथा बैंकों द्वारा भी अर्थव्यवस्था में सुधार एवं व्यापार प्रोत्साहन के लिए पूर्ण योगदान दिया जा रहा है। अग्रणी जिला प्रबंधक एम.एल. मीणा ने भी बैंकर्स के सहयोग, वर्तमान कर प्रणाली और व्यापार प्रोत्साहन तथा उद्योग निर्माण पर अनेक सुझाव प्रस्तुत किये एवं आभार व्यक्त किया। समारोह में विभिन्न स्थानीय व्यापारिक संगठन, बैंकर्स तथा गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

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