कपासिया गांव में जल संरक्षण व संवर्धन के लिए जल स्त्रोतों की कि साफ सफाई
रतलाम- (Ratlam) जल बचाने का करो जतन, ये हैं जीवन का अनमोल रतन। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जिले के सैलाना क्षैत्र के सकरावदा पंचायत के कपासिया गांव में जल संरक्षण व संवर्धन के लिए जल स्त्रोतों की साफ सफाई की गई। वाग्धारा संस्था द्वारा गाँव-गाँव जाकर समुदाय को जल स्त्रोतों की साफ-सफाई हलमा पद्धति से करने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैं।
जल स्रोतों में गंदा पानी न छोड़ने तथा तथा उनकी नियमित साफ सफाई करने हेतु प्रेरित किया। ग्राम कपासिया में पहाड़ी के पास बने तालाब में आस-पास के सभी गाँवो के मवेशी पानी पीने आते हैं। मवेशियों व जानवर के लिए पानी पीने के लिए एक मात्र यही तालाब हैं। सभी ग्राम वासियों ने तालाब की साफ सफाई करने के लिए तालाब के पास पहुचकर हलमा पद्धति से तालाब की साफ-सफाई कर तालाब से पोलीथिन, कचरा हटाया गया। ग्राम वासियों के द्वारा पुरानी परम्परा हलमा को फिर से जीवित करने की पहल की गई। हलमा परंपरा हजारों सालों से आदिवासी समुदाय के बीच मौजूद एकजुटता की मिसाल पेश करती है। यह कार्य बताता हैं कि अगर सब जुटे तो जल स्त्रोतों का संरक्षण व संवर्धन करना कोई बड़ी समस्या नहीं हैं। सामूहिक प्रयासों की मुहिम ने तालाब सरंक्षण के लिए श्रम दान किया।
सकरावदा सरपंच पति शांतिलाल मईडा ने बताया कि आदिवासी समुदाय में हलमा परस्पर सामुदायिक सहयोग की प्रथा आज भी मौजूद हैं। भूजल का अत्यधिक दोहन, जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अकुशल जल प्रबंधन इन समस्याओं के कारण जल की उपलब्धता और गुणवत्ता कम हो रही है, जिससे लोगों को पानी की कमी और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। माही मध्य प्रदेश के यूनिट लीडर धर्मेन्द्र सिंह चुंडावत ने बताया कि कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है, जिससे जलस्तर गिरता जा रहा हैं। जल का उपयोग कम करने और बर्बाद होने से बचाना तथा जल स्रोतों की साफ-सफाई करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है ताकि हम सुरक्षित पेयजल प्राप्त कर सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें। स्वच्छ जल का बहुत अधिक महत्व है। यह मनुष्य के स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। दूषित पानी से विभिन्न प्रकार के रोग होते हैं जैसे कि टाइफाइड और हैजा। स्वच्छ जल से बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। महेंद्र कुमावत ने बताया कि स्वच्छ जल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक है। यह जानवरों और पौधों को जीवित रहने के लिए पानी प्रदान करता है। स्वच्छ जल हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। हमें इसके महत्व को समझना चाहिए और इसकी रक्षा के लिए प्रयास करना l पानी एक आवश्यक पोषक तत्व हैl शरीर में कोशिकाओं और ऊतकों से लेकर महत्वपूर्ण अंगों तक हर प्रणाली को काम करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जल संरक्षण आज के समय में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषय है। जल हमारे जीवन का आधार है और इसके बिना किसी भी जीवित प्राणी का अस्तित्व संभव नहीं है। पृथ्वी पर उपलब्ध ताजे जल का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही पेयजल के रूप में उपयोग के योग्य है। इसलिए जल संरक्षण की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। कार्यक्रम के दौरान वाग्धारा टीम से पिंकी टेलर, मनोज डामर ,राकेश पारगी, लाल सिंह, दिव्या,पूजा तथा रायसिंह, लक्ष्मण, कन्हैया लाल, सुखलाल, सजन बाई, अमृत परिहार आदि ग्रामीण मौजूद रहे।