किसान भाईयों को सलाह चार इंच बारिश के बाद ही खरीफ फसलों की बुआई करें
रतलाम- (Ratlam) उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला रतलाम नीलम सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि रतलाम जिले में इस वर्ष 3 लाख 29 हजार हैक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई कराने की तैयारी चल रही है। कई किसान भाईयों ने अपने खेतो में गहरी जुताई व खेतो में बुवाई के लिए साफ सफाई कर ली होगी।
किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि बुवाई के पूर्व खाद व बीजों की व्यवस्था मानसून के आने के पूर्व कर ले। किसानों को कृषि विभाग विशेषज्ञों की सलाह अनुसार 4 ईंच बारिश होने के बाद ही बोनी करें। एक ही किस्म के स्थान पर विभिन्न समयावधि में पकने वाली अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित 2-3 किस्मों की बोनी करें। सोयाबीन बीज को उपचारित करके ही बोनी करें। खेतों में ढाल के विपरीत बोनी करें जिससे जमीन (मिट्टी) में कटाव या क्षरण नहीं हो। सोयाबीन आधारित अंर्तवर्तीय फसल लगाये जबकि सिंचित क्षेत्र में सोयाबीन के सांथ मक्का, कपास, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की बोनी करें।
सोयाबीन की खेती के लिए उपलब्ध बीज का अंकुरण न्यूनतम 70 प्रतिशत सुनिश्चित करें। सोयाबीन की बोनी के लिए अनुशंसित 45 सेंटीमीटर कतारों की दूरी का अनुपालन करें। साथ ही बीज को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोनी करते के लिए पौधे से पौधे की दूरी 5-10 सेंटीमीटर रखें। न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकुरण के आधार पर 65-70 किलोग्राम बीज प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करें। विपरीत मौसम (सूखे की स्थिति/अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बी.बी.एफ पद्धति या रिजफरो पद्धति से बोनी करें। सोयाबीन की फसल के लिए आवश्यक पौषक तत्वों (25:40:60:50) किलो ग्राम प्रति हैक्टेयर एन.पी.के. व सल्फर की पूर्ति केवल बोनी के समय करें।